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Thursday, May 12, 2011

गर्व कीजिये ! हम ही हैं देश के स्तम्भ
सन्दर्भ : अमर वार्ता टेप कथा
आलेख : योगेश किसलय
इस देश के सबसे बड़े तबके मध्य वर्ग को अब अपने हालत पर शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं अब उनके लिए गर्व करने का मौका आ गया है . धन्यवाद कीजिये देश के " मुखर वक्ता , धर्मनिरपेक्ष नेता , व्यापारी ,उद्योगपति ,राजनीतिज्ञ , सांसद और ना जाने क्या क्या ....विशेषणों से सुशोभित ठाकुर अमर सिंह का जिनकी अमर वार्ता कथा टेप के जरिये आम लोगो तक आया . भारतीय राजनीति के इस स्वयं सिद्ध पवित्र राजनीतिज्ञ के टेप आप सुन लेंगे तो मेरे आपके जैसे लोग गर्व करेंगे कि हम भले गरीब हैं पॉवर विहीन हैं मीडिया से उपेक्षित है ,लेकिन असली भरतीय है जिसका सबसे अधिक योगदान देश के निर्माण ,प्रतिष्ठा ,समृद्धि और विकास से जुड़ा है .
पहले यह जान लेना जरूरी है कि आखिर इस टेप में क्या है . लगभग बीस खंड में ये टेप जारी किये गए हैं जिसमे अमर सिंह की बात राजनीतिज्ञ से ,उद्योगपति से , फिल्म स्टार से , पत्रकार से , ब्यूरोक्रेट से और लाइजनिंग करने वालो से है . अगर पूरी वार्ता आप सुन लेंगे तो यही लगेगा कि जो हस्तिया मीडिया में खुद को आदर्श के रूप में पेश करती है वो भीतर से कितने खोखले हैं . उनमे ना तो जमीर है ना शर्मो हया है ना संविधान के प्रति सम्मान है ना गरीबो के लिए सहानुभूति है ना ही देश के प्रति चिंता है . ना इज्जत की चिंता ना फिकर किसी अपमान की ...जय बोलो बेईमान की .
टेप में हर वर्ग के लिए मसाला है. एक उद्योगपति किस तरह से कोई काम निकलवाने के लिए गैरकानूनी रास्ता अपनाता है और मीडिया उसपर हो हल्ला मचाती है तो मीडिया वालो को माँ बहन किया जाता है . एक संपादक किस तरह से हाथ जोड़े अमर सिंह के सामने गिड़गिडाता नजर आता है,, एक लैजिनिंग करने वाली किस तरह से सुप्रीम कोर्ट के जजों के चरित्र पर सवाल खड़ा करती नजर आती है , एक ब्यूरोक्रेट किस तरह से नेता के सामने साष्टांग होता दिखता है और राजनीतिज्ञ ?.. उनकी तो हरि अनंत हरि कथा अनंता . ...अखबारों और मीडिया में फिल्म स्टार के साथ अमर वार्ता को सार्वजानिक भी कर दिया है इसे पढ़कर कोई भी इस " बुढऊ" और तथाकथित फिल्म कलाकार के चरित्र को समझ सकता है . टेप में कई बाते ऐसी है जिसका बखान सभ्य समाज में नहीं किया जा सकता लेकिन अमर संवाद का क्या स्तर होगा यह समझ सकते हैं .
हलाकि अब अमर सिंह ने इस टेप को फर्जी बताया है लेकिन उनके मुखारविंद से निकली बाते हमारे समाज के उस क्रीमी लेयर के रहन सहन ,उनके इरादे और भावना को जगजाहिर कर दिए हैं . दोस्तों हम इन्ही शक्सियतो को अपना आदर्श मानने की भूल कर बैठे हैं इन्हें हीरो समझने लगे हैं ,अपना और देश का भाग्य विधाता मानने लगे हैं इस मानसिकता को उखाड़ फेंकिये हम और आप में लाख कमी है लेकिन दिल में थोड़ी जमीर है , शर्मोहया है , देश और कानून के प्रति सम्मान है . देश और समाज के लिए कुछ करने की तमन्ना है . हम परदे के पीछे के सिपाही हैं . यह जान लीजिये निम्न और मध्य वर्ग की संवेदना ,उनका प्रयास ही है कि समाज और देश का सम्मान बचा हुआ है .राज्य देश और समाज के विकास में हमारी ही भूमिका है . ऊपर वाले तो फल तोड़ने वाले हैं , बहेलिया हैं . उनके लिए देश , कानून, कोर्ट, नैतिकता, इज्जत कुछ भी नहीं है .इन चेहरों ने देश और देशवासियों को खूब लूटा है कम ही सही लेकिन देश का यह निम्न और मध्यवर्ग ने देश को काफी कुछ दिया है जो ठोस और उत्साहवर्धक भी है
भाइयो , हम मध्य वर्ग के लोग खुद को निरीह , लाचार ,कमजोर और अभिशप्त मानने लगे हैं . हमने अपनी किस्मत ऐसे ही भाग्य विधाताओ के हाथो गिरवी रखा दिया है , इनके रहन सहन , धन संपत्ति और शक्ति की चका चौंध के सामने हम मिमियाते रहते हैं . भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसने इन टेपो को सार्वजानिक करने का फैसला दिया . हमे नजरो का मोतियाबिंद थोडा कम होगा और हमें खुद के होने पर गर्व महसूस होगा . साथियों अब तो जश्न का मौका है मेरे साथ नारा लगाइए .....हिप हिप हुर्रे .......

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