माँ
मौत के आगोश में जब थक के सो जाती है माँ
तब जाकर थोडा सा सुकून पाती है माँ ,
फ़िक्र में बच्चो के कुछ इस तरह घुल जाती है माँ ,
के जवान होकर भी बूढी नजर आती है माँ ,
ओढती है खुद तो ग़ुरबत का बोशीदा कफ़न ,
चाहतो का पैरहन बच्चो को पहनाती है माँ ,
रूह के रिश्ते की ये गहराइयाँ तो देखिये ,
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ ,
जाने कितने बरस रातो में ऐसा भी हुआ ,
बच्चा तो छाती पे है, गीले में सो जाती है माँ ,
प्यार कहते हैं किसे और ममता चीज है क्या ,
कोई उनसे पूछे जिन बच्चो की मर जाती है माँ ,
कांपती आवाज से कहती है ,बेटा अलविदा ..
सामना जब तक रहे हाथो को लहराती है माँ
---------------- माँ ईश्वर का एक अनुपम वरदान ...
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